शंखपुष्पी एक औषधीय पौधा है, जिसका इस्तेमाल शारीरिक और स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है । यह औषधि मस्तिष्क को तर और शांत रखती है ।
शंखपुष्पी के कुछ और गुण
शंखपुष्पी का इस्तेमाल आयुर्वेद में जड़ी-बूटी के रूप में खूब होता है । इस पौधे पर छोटे-छोटे फल लगते हैं, जिसमें काले और भूरे बीज होते हैं । आयुर्वेद में इसे पित्तनाशक, पाचक और स्मृतिवर्धक माना गया है । इसके अलावा इसे उदर रोग, उच्च रक्तचाप, हिस्टीरिया, उन्माद सूखा रोग, मूत्र विकार एवं सिरदर्द आदि रोगों से भी शंखपुष्पी का प्रयोग किया जाता है ।
शंखपुष्पी के पांचों अंग का इस्तेमाल औषधीय बनाने में होता है । इसकी प्रमुख औषधीय प्रयोग निम्न है:
● शारीरिक शक्ति के साथ मानसिक शक्ति एवं स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए शंखपुष्पी का इस्तेमाल किया जाता है । क्योंकि यह औषधि मस्तिष्क तर तथा शांत रखती है ।
● सुबह-शाम शंखपुष्पी को 3 ग्राम चूर्ण शहद मिलाकर बच्चों को चटाने से बच्चों द्वारा बिस्तर पर मूत्रत्याग की समस्या से छुटकारा मिलता है ।
● शंखपुष्पी के पंचांग (फल, फूल, पत्ते, जड़ और छाल) को जल में उबालकर काढ़ा बनाएं । फिर इस पानी का सेवन सुबह शाम करें । इससे उक्त रक्तचाप सामान्य होता है ।
● शंखपुष्पी के रस का सेवन दिन में दो बार करने से उच्च रक्तचाप कम हो जाता है । अगर आप चाहें तो इस काढ़े में तिल का तेल पकाएं । इस तेल से बच्चे की मालिश करें । प्रतिदिन मालिश करने से सूखा रोग नष्ट होता है ।
● शंखपुष्पी के दो-तीन ग्राम चूर्ण में थोड़ा सा गुड़ मिलाकर दूध के साथ खिलाने से बच्चे रात में बिस्तर गीला नहीं करते ।
● शंखपुष्पी के पंचांग का क्वाथ बनाकर उसमें थोड़ा सा शहद मिला लें । इस क्वाथ को छानकर सुबह-शाम १०-२० ग्राम पीने से निम्न रक्तचाप सामान्य हो जाता है ।
● शंखपुष्पी के ताजे पत्तों को चबाकर रस चूसने से गले की खराश दूर होती है ।
● शंखपुष्पी को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें । फिर ५-७ ग्राम चूर्ण में १०-१२ ग्राम पीसी मिश्री मिलाकर सुबह के समय गाय के दूध के साथ सेवन करने से स्मरण शक्ति तीव्र होती है ।
●शंखपुष्पी को पीसकर चूर्ण बना लें । फिर इस चूर्ण में बराबर मात्रा में ब्रम्ही का चूर्ण मिलाएं । तत्पश्चात उसमें इतनी ही मात्रा में बच का चूर्ण मिलाकर सबको खरल में पीस डालें । सुबह शाम ३-३ ग्राम चूर्ण में थोड़ा-सा शहद मिलाकर सेवन करने से हिस्टीरिया में आराम मिलता है ।
● शंखपुष्पी के 1 ग्राम चूर्ण में ३ ग्राम खुरासानी अजवायन मिलाकर हल्के गर्म जल के साथ खाने से सिर दर्द से मुक्ति मिलती है ।
● शंखपुष्पी, बच और फूठ से निर्मित ५ ग्राम शंखपुष्पी घृत का सेवन हल्के गर्म दूध के साथ सुबह-शाम करने से उक्त रक्तचाप एवं क्षीण स्मरणशक्ति में काफी लाभ मिलता है
● शंखपुष्पी के सेवन से अनिद्रा और मस्तिष्क के रोग-विकार नष्ट होते हैं ।
● शंखपुष्पी से निर्मित औषधियां मस्तिष्क की उष्णता को नष्ट करके शीतलता प्रदान करती हैं ।
● यूनानी चिकित्सक मस्तिष्क की क्षीणता को नष्ट करके बुद्धि बढ़ाने के लिए शंखपुष्पी की गोलियां, तेल और शरबत का इस्तेमाल करते हैं ।